Friday, March 27, 2020
बैंकिंग सिस्टम में 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी डालेगा रिजर्व बैंक
RBI ने कई फैसले लिए
रिजर्व बैंक ने CRR को कम करने के अलावा जिन उपायों की घोषणा की है, उनमें स्थिर रेपो दर पर बैंकों को दीर्घकालिक ऋण देने (टारगेटेड LTRO) तथा पखवाड़े भर के लिये बैंकों को दिये जाने वाले कर्ज की सीमांत सुविधा(MSF) की सीमा दो प्रतिशत से बढ़ाकर तीन प्रतिशत किया जाना है. यह सुविधा बैंक दर पर मिलती है जो रेपो दर से ऊंची होती है.3 उपयों के जरिए डाला जाएगा पैसा
रिजर्व बैंक ने प्रस्तावित नीतिगत घोषणा से एक सप्ताह पहले ही अप्रत्याशित रूप से रेपो दर घटाने समेत अन्य उपायों की घोषणा की. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा, ''टारगेटेड LTRO, CRR और MSF से जुड़े इन तीनों उपायों से रिजर्व बैंक प्रणाली में कुल 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी डालेगा.''
दास ने बताया कि समिति ने परिस्थितियों में अचानक आये बदलाव को देखते हुए बैठक एक सप्ताह पहले ही कर लेने का निर्णय लिया.
7 साल में पहली बार CRR में कटौती
रिजर्व बैंक ने सात साल में पहली बार CRR में कटौती की है. रिजर्व बैंक ने CRR को तीन प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया है. इससे अब बैंकों को रिजर्व बैंक के पास आरक्षित भंडार में कम नकदी रखने की जरूरत होगी. इससे बैंकिंग प्रणाली में करीब 1.37 लाख करोड़ रुपये की नकदी आएगी.
इसके अलावा रिजर्व बैंक ने स्थिर रेपो दर पर तीन साल तक की अवधि के लिये एक लाख करोड़ रुपये तक का ऋण बैंकों को उपलब्ध कराएगा.
रिजर्व बैंक ने कहा कि MSF की सीमा दो प्रतिशत से बढ़ाकर तीन प्रतिशत किये जाने से बैंकिंग प्रणाली में 1.37 लाख करोड़ रुपये की नकदी आएगी. इस तरह इन तीनों उपायों से रिजर्व बैंक प्रणाली में कुल 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी डालेगा
SBI ग्राहकों को देना होगा इस सुविधा
राज एक्सप्रेस। यदि आपका लॉकर देश की सबसे बड़े बैंक-भारतीय स्टेट बैंक में है तो, यह खबर हो सकती है आपके काम की। दरअसल, SBI ने 31 मार्च 2020 से अपने बैंक के नियमों में कुछ बदलाव करने का फैसला लिया है। यहां जाने क्या है वह बदलाव।
बैंक द्वारा किए गए बदलाव :
SBI ने यह बदलाव SBI के लॉकर के चार्जेस को लेकर किए हैं। दरअसल, SBI ने बैंक लॉकर की कीमतें बढ़ाने का फैसला कर लिया है। बैंक की नई कीमतें लॉकर के आकार के आधार पर निर्धारित की जाएंगी। आपको बता दें कि, बैंक ने नई कीमतें 500 रूपये से लेकर 2000 रूपये तक बढ़ा दी है। निर्धारित की गई नई फीस 31 मार्च के बाद से अर्थात 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी।इसके अलावा यह फीस खाताधारक का लॉकर किस शहर में है इस पर भी निर्भर करेगी।
देना होगा इतना चार्ज :
बैंक द्वारा निर्धारित किए गए नए किराए में छोटे लॉकर के लिए ग्राहकों को 500 से लेकर 2000 रूपये तक की कीमत चुकानी होगी। इसके अलावा एक्स्ट्रा चार्ज लॉकर किराया 9000 की जगह 12000 रूपये तक देना होगा। वहीं, मीडियम साइज वाले लॉकर के लिए बैंक 1000 रूपये से लेकर 4000 रूपये तक का चार्ज वसूल सकता है। इनके अलावा बैंक बड़े लॉकर के लिए ग्राहक को 2000 रूपये से लेकर 8000 रूपये तक किराया देना होगा।
बैंक लॉकर क्या है ?
हालांकि आज कल लगभग सभी लोग बैंक लॉकर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन फिर भी जिन्हें इस बात की जानकारी नहीं है उनको बता दें, बैंक लॉकर एक तरह की सेफ डिपॉजिट लॉकर्स होते हैं या अलग-अलग आकार के होते है। इनका इस्तेमाल बैंक ग्राहक अपना कीमती सामान जैसे गहने या कीमती कागजात रखने के लिए करते हैं। बताते चलें, इन लॉकर्स में आपका सामान पूरी तरह सुरक्षित होता हैं, क्योंकि इसका इस्तेमाल सिर्फ लॉकर होल्डर या जॉइंट होल्डर ही कर सकता है। RBI के नोटिफिकेटिन के मुताबिक, यदि किसी ग्राहक का बैंक में अकाउंट ना हो, तो भी ग्राहक बैंक लॉकर खोल सकता है। हालांकि, बिना अकाउंट वाले ग्राहकों को लॉकर खोलने में थोड़ी सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जैसे बैंक द्वारा एफडी के लिए दबाव बनाना आदि।
लॉकर खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज :
किसी भी ग्राहक को लॉकर खोलने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है जो निम्नलिखित है-
केवाईसी दस्तावेज
चालू मोबाइल नंबर
बैंक द्वारा एफडी कराई जाती है
कोई भी एड्रेस प्रूफ
ग्राहक की फोटो के अलावा यदि कोई ज्वाइन होल्डर है तो ज्वाइंट होल्डर की फोटो
नुकसान होने पर मुआवजा :
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि, बैंक में भूकंप- बाढ़ या चोरी जैसी कोई आपदा आ जाने पर बैंक आपके लॉकर में रखे हुए सामान की कोई जिम्मेदारी नहीं उठाता इसलिए कहना गलत नहीं होगा कि, लॉकर में रखा हुआ सामान पूरी तरह सुरक्षित है
प्रशासन को लिख
संकट की घड़ी में सोनिया ने बढ़ाए मदद के हाथ
रायबरेली. जानलेवा कोरोना (Corona virus) की वजह से पूरा देश मुश्किलों से गुजर रहा है. इस संकट की घड़ी में उत्तर प्रदेशवासियों के लिए योगी सरकार (Government) कारगर कदम उठा रही है. वहीं रायबरेली से सांसद (Member of parliament) सोनिया गांधी ने भी मदद के हाथ आगे बढ़ाए हैं. कांग्रेस सांसद (Member of parliament) सोनिया गांधी ने रायबरेली वासियों के लिए प्रशासन को आवश्यकतानुसार मास्क, सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग मशीन के लिए फंड जारी करने के लिए पत्र लिखा है.दिवाला कानून में न्यूनतम राशि 1 करोड़
वहीं उत्तर प्रदेश में आगरा (Agra) के 9, गाजियाबाद (Ghaziabad) 5, शामली 2, लखनऊ (Lucknow) 8, नोएडा (Noida) में 14, पीलीभीत 2, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, मुरादाबाद, कानपुर, जौनपुर, शामली, बागपत में एक-एक मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इनमें से 7 आगरा, 2 गाजियाबाद (Ghaziabad) और 4 नोएडा (Noida),1 लखनऊ (Lucknow) सहित 14 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं. बता दें कि यूपी के हवाई अड्डों पर अब तक 26369 लोगों की जांच की गई जा चुकी है.
चाचा की सदस्यता रद्द करने वाली याचिका वापस लेगी सपा
कोरोना वायरस पर केंद्रीय मंत्री हर रोज सौंपेंगे पीएमओ को रिपोर्ट
कोरोना वायरस से अभी तक देश में 700 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।
ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन, प्रिंस चार्ल्स भी हैं कोरोना संक्रमित
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson Covid 19) ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट करके जानकारी दी कि उनमें कोरोना वायरस के हल्के लक्षण सामने आए हैं. इसमें बुखार और खांसी शामिल है.
मंत्रियों ने पीएम राहत कोष में दिया एक महीने का वेतन
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रियों ने कोरोना संकट से निपटने के लिए अपना एक महीने का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में देने की मुहिम शुरू की है। इसकी शुरुआत लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने की थी। इसके उपरांत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार भी इस मुहिम में शामिल हो गए।सोनिया गांधी ने सांसद निधि से कोरोना पीड़ितों को दिया पर्याप्त धन
मंत्रियों के अलावा देश भर से प्रमुख हस्तियों की ओर से भी प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए योगदान दिए जाने की घोषणाएं होने लगी हैं। दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत, बैंडमिंटन खिलाड़ी व आलंपिंक मेडल विनर पीवी संधू, बालीवुड स्टार रितिक रोशन, कामेडी किंग कपिल शर्मा ने गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में 50 लाख रुपये का योगदान करने का ऐलान किया है।
केंद्रीय विद्यालय, वृद्धाश्रम और छात्रावास बनेंगे कोरेनटीन सेंटर
कोरोना से लड़ने के लिए सरकार ने मुस्तैदी और बढ़ा दी है। सभी जिलों को स्थानीय स्तर पर मौजूद केंद्रीय विद्यालयों, वृद्धाश्रमों और छात्रावासों को कोरेनटीन सेंटर के रूप में तैयार करने को कहा है। ताकि जरूरत पड़ने पर कोरोना से संक्रमित होने के खतरे को देखते हुए लोगों को वहां अलग-अलग रखा जा सके। इससे पहले देश के लगभग हर एक जिले में मौजूदा नवोदय विद्यालयों के छात्रावासों को इसके लिए इस्तेमाल में लेने के निर्देश दिए थे। सरकार ने यह कदम देश भर में कोरोना से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या और उनसे काफी लोगों के संक्रमित होने की आशंका के आधार पर कोरेनटीन के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया है।
